हज़रत अस्मा रिवायत करती हैं कि अबू बक्र (रजिअल्लाहु अन्ह) ने एक चादर में
नमाज़ पढ़ाई जो उन्होंने आधी नीचे बांध ली और आधी ऊपर लेकर अपने कंधों पर
बांध ली. अस्मां फ़रमाती हैं मैंने पूछा कि कपड़े तो और भी थे तो आपने एक चादर
में नमाज़ क्यों पढ़ाई? फ़रमाने लगे इसलिए कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने जि़न्दगी की आखि़री नमाज़ एक
चादर में ही पढ़ाई थी.
यह कोई मस्अला नहीं, मस्अला तो
यह है- जिसके कंधे नंगे हों उसकी नमाज़ नहीं होती, अगर टोपी शर्त होती रसूलुल्लाह
(सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) को यह फ़रमाना चाहिये था कि जिसका
सिर नंगा हो उसकी नमाज़ नहीं होती. अहराम की हालत में
सब हाजी मक्का
मुकर्रमा में नंगे सिर नमाज़ पढ़ते हैं कोई ऐतराज़ नहीं कि जनाब नगे सिर नमाज़
नहीं होती. तीसरी बात हां औरत के लिए कपड़ा लेना और सिर ढांकना ज़रूरी है, उसकी
नमाज़ बाक़ई नंगे सिर नहीं होती. बाकी रहा मर्द तो उसके लिए सिर ढंकना और कपड़ा
लेने की कोई शर्त वह नंगे सिर भी नमाज़ पढ़ सकता है.
मसजिद में आओ अच्छी ज़ीनत इख्तियार करके आओ किसी के पास अच्छी टोपी, अच्छा
रूमाल है वह लेकर आ जाय, अच्छी बात है. लेकिन किसी ने सिर पे नहीं लिया कोई बात
नहीं.
वह ख़जूर के तिनकों का बना हुआ छिक्कू- ‘छिक्कू’ जो ऊंट के मुंह पर चढ़ाया
जाता है कि वह किसी को काट न ले. वह मसजिद के दरवाजे़ पर ही पड़ा होता है, अन्दर
दाखिल होते, उठाया, सिर पर रखा अल्लाहुअक्बर. नमाज़ पढ़ के वापिस आये जब जूते
पहन लिये तब याद आया कि छिक्कू तो वापिस रखा ही नहीं वह तो सिर पे ही है, उतार
कर वहीं से अन्दर फेंक दिया. करते या नहीं करते?
अब कुछ तरक्क़ी हो गई है तो वह खजूर क
तिनकों के बजाय प्लास्टिक के छिक्कू आ गये , चायना ने तरक्की़ कर ली है कि हर
चीज़ बना रहा है तो उसने यह भी बना दी. कुरआन कहता है कि मसजिद में आओ तो जी़नत इख्तियार
करो. अब यह प्लास्टिक या खजूर के तिनकों के छिक्कू लगाने वालों से पूछो कि यह
छिक्कू पहन कर तुम वलीमे में जाओगे, तुम दुकान पर जाओगे? नहीं
जाओगे तो फिर ड्रामा करने के लिए मसजिद ही रह गई है?
जिन भाईयों को
नंगे सिर का ऐतराज़ होता है उनसे पूछो सारे हाजी नंगा सिर हज नहीं करते. और अगर
टोपी इतनी जरूरी है तो क्लीन सेव वालों के लिए मसनूई दाढ़ी लगाने हेतु ऐसी दाढि़यों
का इन्तिज़ाम भी होना चाहिए, कि जब मसजिद में नमाज़ के लिए आयें तो दाढ़ी लगायें,
आखिर नबी(सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) की सुन्नत का सवाल है।